दिवाली पर पहली बाइक खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें

अगर आप गूगल पर यह सर्च कर रहे है कि पहली बाइक खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें ? तो आपके लिए ये आर्टिकल बहुत ही हेल्पफुल सावित होगा । बाइक खरीदना हर युवा का सपना होता है। सड़कों पर हवा को चीरते हुए घूमना, ट्रैफिक से निपटना और अपनी पहली राइड का मजा लेना ये सब कुछ रोमांचक लगता है।

दिवाली पर पहली बाइक खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें

लेकिन अगर आप पहली बार बाइक खरीद रहे हैं, तो उत्साह के साथ-साथ सावधानी भी बरतनी जरूरी है। गलत चुनाव से न सिर्फ आपका बजट बिगड़ सकता है, बल्कि सुरक्षा और रखरखाव के मामले में भी परेशानी हो सकती है। भारत में लाखों बाइक मॉडल उपलब्ध हैं.

जैसे हीरो, बजाज, होंडा, रॉयल एनफील्ड आदि। लेकिन सही बाइक चुनने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना पड़ता है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि पहली बाइक खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें, ताकि आपका निर्णय सही हो और लंबे समय तक खुशी मिले।

पहली बाइक खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें

जैसा की आपको पता है की दिवाली आने वाली है . ऐसे में कंपनी लगातार अपनी बाइक का प्रमोशन करने में व्यस्त है . और दिवाली पर प्रमोशन के चक्कर में आप कोई गलत बाइक सेलेक्ट न कर लें. इसके लिए हम आपको इस में कुछ पहली बार बाइक खरीददार के लिए कुछ टिप्स देने जा रहे है . जो की हर एक न्यू बाइक खरींदने वाले को पता होना चाहिए। नीचे आपको सभी पॉइंट के बारें में बहुत डिटेल्स से बताया गए है.

1. अपना बजट तय करें

बाइक खरीदने का पहला कदम बजट निर्धारण है। पहली बाइक के लिए 50,000 से 1.5 लाख रुपये तक का रेंज आमतौर पर पर्याप्त होता है। लेकिन सिर्फ बाइक की कीमत ही नहीं, बल्कि इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन, हेलमेट, लॉक और शुरुआती सर्विसिंग का खर्च भी जोड़ें। उदाहरण के लिए, एक 100cc की कम्यूटर बाइक जैसे होंडा एक्टिवा की कीमत लगभग 70,000 रुपये है, लेकिन कुल खर्च 80,000-90,000 तक पहुंच सकता है।

अगर आपका बजट कम है, तो इस्तेमाल की हुई बाइक (सेकंड-हैंड) पर विचार करें, लेकिन उसकी हिस्ट्री चेक करें। EMI विकल्प भी उपलब्ध हैं, लेकिन ब्याज दरों पर ध्यान दें। याद रखें, सस्ती बाइक में क्वालिटी कम हो सकती है, जो बाद में महंगी पड़ सकती है। इसलिए, बजट में 10-15% अतिरिक्त रखें अप्रत्याशित खर्चों के लिए।

2. बाइक का प्रकार चुनें

सभी बाइक एक जैसी नहीं होतीं। आपका उपयोग क्या होगा, ये सेलेक्ट करना जरुरी है। अगर शहर में ऑफिस जाने के लिए है, तो कम्यूटर बाइक (जैसे हीरो स्प्लेंडर या बजाज प्लेटिना) चुनें – ये ईंधन-कुशल (50-60 kmpl) और हल्की होती हैं। लंबी यात्राके लिए टूरिंग बाइक (रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350) बेहतर है, जो आरामदायक सीट और सस्पेंशन देती है।

इसके अलावा स्पोर्ट्स बाइक (जैसे यामाहा R15) स्पीड लवर्स के लिए हैं, लेकिन शुरुआती राइडर्स के लिए खतरनाक हो सकती हैं। महिलाओं के लिए स्कूटर (जैसे होंडा एक्टिवा या सुजुकी एक्सेस) आसान होते हैं। इलेक्ट्रिक बाइक (जैसे ओला S1 या आत्मा) पर्यावरण-अनुकूल हैं, लेकिन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर चेक करें। अपनी जरूरत के अनुसार प्रकार चुनें – गलत चॉइस से पछतावा हो सकता है।

3. इंजन क्षमता और माइलेज पर फोकस

पहली बाइक के लिए 100-150cc इंजन बढ़िया ऑप्शन है। ये पावरफुल होने के साथ-साथ ईंधन बचाती हैं। माइलेज 50 kmpl से ऊपर वाली बाइक चुनें, खासकर पेट्रोल के बढ़ते दामों को देखते हुए। BS6 नॉर्म्स वाली बाइक ही लें, क्योंकि ये प्रदूषण कम करती हैं और सरकार सब्सिडी भी देती है।

टेस्ट करें कि इंजन स्टार्टिंग आसान है या नहीं। डीजल बाइक दुर्लभ हैं, लेकिन अगर उपलब्ध हो तो शोर और मेंटेनेंस पर विचार करें। राइडिंग के दौरान वाइब्रेशन कम हो, ये भी चेक करें।

4. सुरक्षा फीचर्स जरूर देखें

सुरक्षा सबसे ऊपर है। ABS (एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम) वाली बाइक चुनें, जो ब्रेक लगाने पर पहियों को लॉक होने से बचाती है। डिस्क ब्रेक फ्रंट में जरूरी हैं। LED हेडलाइट्स रात में बेहतर विजिबिलिटी देती हैं।

हेलमेट हमेशा पहनें, लेकिन बाइक में भी साइड स्टैंड कट-ऑफ और इंजन किल स्विच जैसे फीचर्स हों। अगर स्पोर्ट्स बाइक ले रहे हैं, तो टायर ग्रिप चेक करें। भारत में सड़कें खराब हैं, इसलिए अच्छे सस्पेंशन वाली बाइक ही लें।

5. टेस्ट राइड और डीलरशिप का महत्व

कभी भी बिना टेस्ट राइड के न खरीदें। डीलरशिप पर जाकर बाइक चलाएं – हैंडलिंग, ब्रेकिंग, एक्सीलरेशन सब महसूस करें। कम से कम 5-10 मिनट राइड करें। अगर संभव हो, तो दोस्त के साथ लें जो अनुभवी हो।

अच्छे डीलर चुनें जो आफ्टर-सेल्स सर्विस दें। वारंटी (2-3 साल) और फ्री सर्विस चेक करें। ऑनलाइन रिव्यूज पढ़ें, जैसे बाइकडेकहो या माउथशट पर। लोकल सर्विस सेंटर की उपलब्धता भी देखें।

6. रखरखाव और रीसेल वैल्यू

बाइक खरीदने के बाद रखरखाव महंगा पड़ सकता है। स्पेयर पार्ट्स आसानी से उपलब्ध हों, जैसे हीरो या बजाज की बाइक्स में। नियमित सर्विसिंग (हर 3000 km) करवाएं। रीसेल वैल्यू के लिए पॉपुलर मॉडल चुनें – रॉयल एनफील्ड अच्छी रीसेल देती है।

इंश्योरेंस अनिवार्य है। थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस से शुरू करें, लेकिन कंप्रीहेंसिव बेहतर है।

7. कानूनी और पर्यावरणीय पहलू

राइडिंग लाइसेंस जरूर लें। बिना लाइसेंस के राइडिंग पर जुर्माना लगता है। PUC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट चेक करें। इलेक्ट्रिक बाइक के लिए FAME-II सब्सिडी का फायदा उठाएं।

नई बाइक खरीदने के लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए?

नई बाइक खरीदने के लिए कुछ दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है ताकि खरीदारी और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आसान हो। सबसे पहले, आपको पहचान का प्रमाण देना होगा, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस। डीलर के रिकॉर्ड और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए पासपोर्ट साइज़ की तस्वीरें भी ज़रूरी हैं। अगर आप फाइनेंस पर बाइक खरीद रहे हैं, तो आपको आय का प्रमाण, जैसे सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट या इनकम टैक्स रिटर्न, देना होगा।

पैन कार्ड हर स्थिति में ज़रूरी है, खासकर फाइनेंसिंग या रजिस्ट्रेशन के दौरान। अगर आप पुरानी बाइक एक्सचेंज कर रहे हैं, तो आपको गाड़ी की आरसी, इंश्योरेंस और प्रदूषण सर्टिफिकेट की ज़रूरत होगी। खरीदारी पूरी होने के बाद, डीलर आपको सेल लेटर, अस्थायी रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस और प्रदूषण सर्टिफिकेट देता है। कुल मिलाकर, अगर आप नकद में बाइक खरीद रहे हैं, तो सिर्फ़ पहचान का प्रमाण, पता और तस्वीरें ही काफ़ी हैं, जबकि फाइनेंसिंग के लिए आय का प्रमाण और पैन कार्ड भी ज़रूरी है।

सेकंड हैंड बाइक खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए?

सेकंड-हैंड बाइक खरीदने से पहले, कुछ ज़रूरी बातों पर ध्यान देना ज़रूरी है ताकि आपको उचित दाम पर अच्छी कंडीशन में बाइक मिल सके। सबसे पहले, बाइक के दस्तावेज़ों की जाँच करें, जैसे उसका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), बीमा के कागज़ात, प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC), और सर्विस रिकॉर्ड।

इसके अलावा बाइक के इंजन, ब्रेक, टायर, क्लच और गियर की स्थिति का ध्यानपूर्वक निरीक्षण करें और टेस्ट राइड लेकर उसकी परफॉर्मेंस का आकलन करें। ओडोमीटर, बाइक के माइलेज और सर्विस हिस्ट्री के साथ, उसकी असली स्थिति जानने में मदद कर सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि गाड़ी चोरी की तो नहीं है, चेसिस नंबर और इंजन नंबर की तुलना RC से करें।

साथ ही, बाइक की बॉडी पर डेंट या रीपेंटिंग की भी जाँच करें, क्योंकि ये गिरने या दुर्घटना का संकेत हो सकते हैं। सबसे ज़रूरी बात, भविष्य में किसी भी कानूनी पचड़े से बचने के लिए खरीदने से पहले ओनरशिप ट्रांसफर की प्रक्रिया ठीक से पूरी कर लें।

निष्कर्ष

पहली बाइक खरीदना जीवन का एक यादगार पल है, लेकिन जल्दबाजी न करें। बजट, प्रकार, सुरक्षा, टेस्ट राइड और रखरखाव पर फोकस करें। सही बाइक न सिर्फ आपकी यात्रा आसान बनाएगी, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाएगी। अगर आप नौसिखिया हैं, तो कम्यूटर से शुरू करें। बाजार में नई-नई लॉन्च हो रही हैं, जैसे TVS रेडर या यामाहा MT-15, लेकिन अपनी जरूरत के अनुसार चुनें। सुरक्षित राइडिंग करें और सड़क पर जिम्मेदारी से चलाएं। क्या आपकी पहली बाइक कौन सी होगी? कमेंट्स में बताएं!

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