Driverless Electric Bike Garuna : सूरत के लाल ने बनाई AI वाली ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक बाइक

Driverless Electric Bike Garuna : अगर आप एक इंजीनियर है , तो आपके सूरत के एक लाल से प्रेणना लेनी चाहिए । उसने हाल ही में एक ऐसी मोटरसाइकिल का निर्माण किया है . जो की बिना किसी ड्राइवर के चलती है . इसको बनाने के लिए उन्होंने ने ज़्यदातर पार्ट स्क्रैप्ट मार्किट से लिए है.

Driverless Electric Bike Garuna  सूरत के लाल ने बनाई AI वाली ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक बाइक

खास बात है , कि ये एक इलेक्ट्रिक बाइक है। जिसे गुजरात की सड़कों पर हाल ही में टेस्टिंग के दौरान देखा गया है . इसका मॉडल और डिज़ाइन इतना शार्प है की लोगों ने इसके सड़कों पर देखकर फोटो क्लिक करने लगे .

इस इलेक्ट्रिक बाइक को बनाने वाले लड़के का नाम शिवम् मौर्या है . जिन्होंने ने अपने टीम के साथ मिलकर इस ऐतिहासिक काम को अंजाम दिया है . इसके अलावा आप को बतादें की गरुणा नाम दिया है .

Driverless Electric Bike Garuna : Short Details

कल्पना कीजिए एक ऐसी बाइक जो खुद-ब-खुद चलती है, मतलब बिना किसी ड्राइवर के, वो भी बिना हब वाली, इलेक्ट्रिक और AI टेक्नोलॉजी से भरपूर इलेक्ट्रिक बाइक। सूरत के कुछ होनहार इंजीनियरिंग छात्रों ने ऐसा कमाल कर दिखाया है कि पूरी दुनिया में इंटरनेट पर चर्चा हो रही है। इस एलेक्रिक बाइक का नाम रखा गया है जो कि भगवान विष्णु की सवारी गरुड़ से प्रेरित है। शिवम मौर्या, गुरप्रीत अरोड़ा और गणेश जैसे युवा टैलेंट ने मिलकर ये बाइक बनाई है। शिवम, जो मैकेनिकल इंजीनियरिंग के थर्ड ईयर स्टूडेंट हैं,

बताते हैं कि उन्हें बाइक्स का इतना शौक है कि उन्होंने फ्यूचर के लिए कुछ स्पेशल बनाने का सोचा। ये बाइक न सिर्फ पर्यावरण फ्रेंडली है बल्कि सड़क पर सेफ्टी का नया पैमाना सेट कर रही है। 4 कैमरे और सेंसर लगे हैं जो आसपास की हर चीज पर नजर रखते हैं। मैनुअल, रिमोट या ऑटो मोड में चल सकती है।

Driverless Electric Bike Garuna

इस इलेक्ट्रिक बाइक को बनाने में करीब 1 साल लगा और 1.80 लाख रुपये लग चुके है. और इसके लिए ज्यादातर लोकल पार्ट्स market से ही उठाये है .

मतलब स्क्रैप मार्केट से टायर लिए गए, जैसे हार्ले-डेविडसन और हायाबुशा के पुराने टायर का इस्तेमाल किया गया है . अगर स्पीड की बात करें तो यह अलग अलग मोड में डिफरेंट स्पीड देती है . मतलब इको मोड में 200-220 किमी चलती है, स्पोर्ट में 150-160। अभी स्पीड 70 किमी/घंटा स्पीड है.

लेकिन आगे 100-120 तक ले जाने का प्लान है। सूरत की सड़कों पर ये बाइक देखकर लोग फोटो खिंचवा रहे हैं, मानो कोई हॉलीवुड फिल्म का सीन हो। ये न सिर्फ स्टूडेंट्स की क्रिएटिविटी दिखाती है बल्कि भारत के ऑटो सेक्टर में नई क्रांति ला सकती है

Read Also : Brixton Crossfire 500 XC की कीमत में भारी कटौती, अब और सस्ती हुई ये दमदार बाइक

क्या है खास इस बाइक में?

इस बाइक को तीसरे साल के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र शिवम मौर्या और उनके दोस्त गुरप्रीत अरोड़ा व गणेश ने मिलकर बनाया है। इसकी खासियत है इसका अनोखा डिज़ाइन और तकनीक। बाइक के पहिए बिना हब के हैं, जो इसे साइंस फिक्शन फिल्मों जैसा लुक देते हैं। इसे तीन तरीकों से चलाया जा सकता है:

  • मैनुअल: सामान्य बाइक की तरह।
  • रिमोट: रिमोट कंट्रोल से।
  • ऑटोनॉमस: बिना ड्राइवर के, AI की मदद से।

इस इलेक्ट्रिक बाइक में 4 कैमरे और कई सेंसर लगे हैं, जो सड़क की स्थिति को समझते हैं। अगर कोई व्यक्ति या वस्तु बाइक से 12 फीट की दूरी पर आती है, तो बाइक अपनी स्पीड कम कर लेती है। अगर 3 फीट के दायरे में कुछ आता है, तो यह अपने आप रुक जाती है। इससे सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा गया है।

कैसे बनी यह बाइक?

जैसा की अधिकतर लोगों को लग रहा होगा की Shivam ने ये बाइक रातों रात बना दी है लेकिन ऐसा नहीं है . शिवम बताते हैं कि इस बाइक को बनाने में करीब एक साल का समय लगा। उन्होंने ज्यादातर पार्ट्स अपने वर्कशॉप में बनाए, लेकिन कुछ चीजें जैसे टायर, इलेक्ट्रिक मोटर और कंट्रोलर बाजार से खरीदें है ।

Driverless electric bike price in india

खास बात यह है कि बाइक के 70% पार्ट्स सूरत के स्क्रैप मार्केट से इकट्ठा किए गए हैं, जैसे हार्ले-डेविडसन और हायाबुशा बाइक के पुराने टायर लिए गए है । इस तरह लागत को कम रखा गया। कुल मिलाकर, इस बाइक को बनाने शिवम के अनुसार में लगभग 1.80 लाख रुपये खर्च हुए।

Also Read : Yamaha R1 2025: पेटेंट लीक से खुलासा, सड़क पर दौड़ने वाली नई रेसिंग बाइक की झलक

बैटरी और स्पीड

जैसा की हमने आपको पहले ही बताया है की ‘गरुण’ में लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल किया गया है जो की उन्होंने दूसरी बाइक की बैटरी को इसमें यूज़ किया है . जिसे घर के सॉकेट से चार्ज किया जा सकता है।

  • फास्ट चार्जिंग: 2 घंटे में फुल चार्ज।
  • रेगुलर चार्जिंग: 4-5 घंटे में फुल चार्ज।

यह बाइक दो मोड में चलती है:

  • इको मोड: 200-220 किमी की रेंज।
  • स्पोर्ट मोड: 150-160 किमी की रेंज।

फिलहाल यह प्रोटोटाइप है, लेकिन इसे 70 किमी/घंटा की रफ्तार से टेस्ट किया गया है। भविष्य में और बेहतर मोटर लगाकर इसकी स्पीड 100-120 किमी/घंटा तक बढ़ाई जा सकती है।

छात्रों का सपना

शिवम और उनकी टीम का कहना है कि वे ऐसी बाइक बनाना चाहते थे, जो अगले 10-15 साल तक लोगों की जरूरतों को पूरा कर सके। उनकी टीम गुरप्रीत ने डिज़ाइन और गणेश ने एडिटिंग का काम संभाला। इस प्रोजेक्ट में सभी ने मिलकर दिन-रात मेहनत की। और उनकी मेहनत का ही नतीजा है की आज उनकी बाइक को न्यूज़ मीडिया कवर कर रही है .

उनकी इस बाइक की सभी लोग इतनी सराहना कर रहे है . और भारत ही नहीं विदेशों में लोग इस की तारीफ कर रहे है . शिवम का मानना है कि यह बाइक भविष्य की तकनीक का प्रतीक है और इसे और बेहतर बनाया जा सकता है।

लोगों का रिएक्शन

जैसा की आप इमेज में देख सकते है की सूरत की सड़कों पर जब यह बाइक चलती है, तो लोग इसे देखकर रुक जाते हैं और इसके साथ तस्वीरें खींचते हैं। इसका अनोखा डिज़ाइन और शांत तरीके से चलने की खासियत इसे और आकर्षक बनाती है। यह बाइक न सिर्फ तकनीक का कमाल है, बल्कि सूरत के इन युवा इंजीनियरों की मेहनत और क्रिएटिविटी का भी नमूना है।

‘गरुण’ बाइक अभी एक प्रोटोटाइप है, लेकिन यह साबित करती है कि भारत के युवा कितनी बड़ी सोच और हुनर रखते हैं। भविष्य में यह बाइक सड़कों पर दौड़ती दिखे, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।

यह भी पढ़ें

Leave a Comment